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9 Oct 2022 · 1 min read

माहिया

1
दिल तोड़ दिया तुमने
जीना मुश्किल है
क्यों छोड़ दिया तुमने

2
इतने धोखे खाये
तेरी फितरत है
हम समझ नहीं पाये

3
किस ओर इशारे हैं
बदले बदले से
अंदाज़ तुम्हारे हैं

4
है रात बहुत काली
दीप जलाओ सब
आई शुभ दीवाली

5
सोलह शृंगार करो
चाँद निकल आया
आओ दीदार करो

6
संतान हमारी है
बेटा है उपवन
बेटी फुलवारी है

7
अपने मन की करना
दुनिया है दुनिया
लोगों से मत डरना

8
किस्मत ने मारा है
रात अँधेरी है
दिखता न सितारा है

9
दिन आये फागुन के
साजन ने भेजे
रँग प्यारे चुन चुन के

10
जब प्रेम कली चटकी
गोरी शरमाई
चुनरी सिर की सरकी

11
सपनों में आ जाना
अब तो मुश्किल है
इस दिल को समझाना

केवल अब रातें है
समझ गये हैं हम
बस बातें बातें हैं

खोया है दिल हमने
पर तुमको पाकर
पायी मंज़िल हमने

धोखे तो खाये हैं
अपनों में अपने
पर हमने पाये हैं

09-10-2022
डॉ अर्चना गुप्ता

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