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19 Sep 2022 · 1 min read

दिल ही तो है

देखा जाये तो
आखिर में
हमारा अपना जो है
वह हमारा दिल ही तो है
चाहो तो इसके उपवन में
हजारों फूल खिलाकर
इसे सुगंधित बना लो
यह न चाहो तो
इसके पत्थर के फर्श पर
सैकड़ों शीशे के घरों को तोड़कर
अपनी सबसे खूबसूरत जगह को
लहूलुहान कर
खून से लथपथ कर
एक रक्तरंजित
लहू का बहता दरिया बना लो।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
149 Views
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