Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2022 · 3 min read

पाब्लो नेरुदा

पाब्लोनेरूदा के जीवन का आधा भाग राजनैतिक उठापटक में बीता तो आधा संघर्ष व अपनी कर्मठता के साथ न्याय करते हुये सृजनशीलता में। पाब्लो नेरूदा साहित्यिक नाम था असली नाम नेफ्ताली रिकार्दो रेइस बासोल्ता था। इनका जन्म मध्य चिली के छोटे से.शहर पराल में 12जुलाई सन् 1904 में हुआ था और 23सितम्बर 1973 को उनकी मृत्यु संदेहास्पद हालातों में हुई थी।
विकीपीडिया की माने तो स्वभावतः कवि होने के कारण उनकी कविताओं में विभिन्न रंग देखने को मिलते हैं।जहाँ एक और उन्मत्त प्रेम की कवितायें लिखी तो दूसरी तरफ कड़ियल यथार्थ से ओतप्रोत सृजन।कुछ रचनाओं में राजनैतिक विचारधारा भी नज़र आती है। उनके काव्यमन का पता इसी बात से लगता है कि मात्र बीस साल की उम्र में उनका प्रथम काव्य संग्रह ट्वेंटी लव पोयम्स एंड द सॉंग ऑफ डिस्पेयर प्रकाशित हो गया था।
विश्वस्तरीय साहित्य शिखर पर उन्हें स्थापित करने में न केवल उनके लेखन का हाथ था अपितु बहुआयामी व्यक्तित्व की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कवि होने के साथ वह राजनेता व कूटनीतिज्ञ भी थे।उनका कदम उठता तो सामने रोमांच से भरी कोई सड़क ,कोई गली होती थी।
तत्कालीन तानाशाह चिली शासकों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के कारण इटली में जाकर शरण ली लेकिन प्रशासन के साथ आँख मिचौली वहाँ भी चलती रही।
1970 में चिली में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी साम्यवादी सरकार सैलवाडॉर अलेंद्रे.ने बनाई और अपना सलाहकार पाब्लो को बनाया। 1971 में फ्रांसमें चिली का राजदूत नियुक्त किया गया।
इसी वर्ष पाब्लो को साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था।
इस सब उठापटक के बीच उनकी विश्व प्रसिद्ध रचनाएँ माच्चुपिच्चु के शिखर और कैंटो के जनरल ने विश्व के कई प्रमुख कवियों का ध्यानाकर्षण किया।
सन् 1973 में चिली सैनिक जनरल ऑगस्टो पिनोचे ने अलेंद्रे सरकार का तख़्ता पलट किया ।इस कार्यवाही में अलेंद्रे की मौत हो गयी। अलेंद्रे के समर्थकों को भी सेना ने मौत के घाट उतारना शुरु किया। इस समय प्रोस्टेट कैंसर का इलाज ले रहे पाब्लो को जैसे ही इस नरसंहार का पता लगा वह अस्पताल से अपने घर वापास आ गये ।घर में बंद वह इस जनसंहार के खात्मे की प्रार्थना करते रहते थे।
इस बीच तकलीफ बढ़ने से उन्हें वापिस अस्पताल जाना पड़ा। वहाँ संदिग्ध गतिविधियों को देख यह घर वापिस आये और कुछ घंटों बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी।
पाब्लो को विश्वास था कि किसी अज्ञात पदार्थ को इंजेक्शन के रुप में उन्हे दिया गया था।अलेंद्रे की मौत केबाद वह अपने घर इस्लानेग्रा लौट आयेथे। बारह दिन बाद ही पाब्लो की भी मौत या कहें हत्या हो गयी।
सेना ने उनके घर को भी नहीं बख़्शा।तोड़ फोड़ के बीच पाब्लो के कुछ मित्र कर्फ्यू में भी उनका जनाजा लेकर निकले।कर्फ्यू के बावजूद हर सड़क के मोड़ पर आतंक व शोषण के खिलाफ लड़ने वाले इस सेनानी कवि के चाहने वाले क़ाफ़िले से जुड़ते गये ।फिजाँ में एक बार वही गीत समवेत स्वर में गूँजने लगा जो नेरुदा ने.इन लोगों के साथ मिलकर बहुत बार गाया था– एकजुट लोगों को कोई ताकत नहीं हरा सकती।
बाद में इस हत्या को हृदयगति रुकने के कारण हुई मौत कह कर प्रचारित कर हत्या को छिपा दिया गया।
इनकी तीन शादियाँ हुई थीं।पत्नियों के.नाम -/ 1-मारीज्केएंटोनिएटा हेगेनार वोगेलजांग (तिथि अज्ञात)
2-डेलिया डेल कैरिल
(एम.1943–1965)
3–माटिल्डे उरंतिया सेर्डा
(एम. 1965–1973)
इनके सृजन में शामिल थे एक ऐतिहासिक महाकाव्य,एक गद्य,आत्मकथा,राजनैतिक घोषणापत्र (खुले पत्र)बाकी काव्य संग्रह में सॉनेटसंग्रह ओ प्रिया
उफरोक्त जानकारी का स्त्रोत विकीपीडिया से पाब्लो नेरुदा एक कैदी की खुली दुनियाँ (साहित्य संग्रह 22सितंबर,2008) के सौजन्य से।

Language: Hindi
2 Likes · 298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ख्वाब हमारा आप हैं ,
ख्वाब हमारा आप हैं ,
sushil sarna
सरपरस्त
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
डूबते डूबते रह गया मैं तेरा हाथ थामकर
डूबते डूबते रह गया मैं तेरा हाथ थामकर
VINOD CHAUHAN
आशा की किरण
आशा की किरण
Neeraj Kumar Agarwal
मेरे प्यार की कीमत जब तुम्हें समझ में आएगी जब तुम्हे हंसाने
मेरे प्यार की कीमत जब तुम्हें समझ में आएगी जब तुम्हे हंसाने
Ranjeet kumar patre
Ever heard the saying, *
Ever heard the saying, *"You are the average of the five peo
पूर्वार्थ
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
VEDANTA PATEL
অরাজক সহিংসতা
অরাজক সহিংসতা
Otteri Selvakumar
नारी , तुम सच में वंदनीय हो
नारी , तुम सच में वंदनीय हो
Rambali Mishra
*मेरा आसमां*
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
शेखर सिंह
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
शब्द ही...
शब्द ही...
ओंकार मिश्र
ससुराल में साली का
ससुराल में साली का
Rituraj shivem verma
कल तुम्हें याद किया,
कल तुम्हें याद किया,
Priya princess panwar
आइना भी अब
आइना भी अब
Chitra Bisht
फूल का मुस्तक़बिल
फूल का मुस्तक़बिल
Vivek Pandey
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
- सच्ची अनुभूति -
- सच्ची अनुभूति -
bharat gehlot
चंद पल खुशी के
चंद पल खुशी के
Shyam Sundar Subramanian
" जमीर "
Dr. Kishan tandon kranti
शिव जी प्रसंग
शिव जी प्रसंग
Er.Navaneet R Shandily
टप-टप,टप-टप धरती पर, बारिश कैसे होती है?
टप-टप,टप-टप धरती पर, बारिश कैसे होती है?
Likhan
धूप
धूप
Dr Archana Gupta
सीता के बूंदे
सीता के बूंदे
Shashi Mahajan
युवा
युवा
Vivek saswat Shukla
संवेदना
संवेदना
Kanchan verma
कुछ ख़त मोहब्बत के , दोहा गीत व दोहे
कुछ ख़त मोहब्बत के , दोहा गीत व दोहे
Subhash Singhai
😊आज श्रम दिवस पर😊
😊आज श्रम दिवस पर😊
*प्रणय प्रभात*
Loading...