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17 Sep 2022 · 1 min read

गंभीर हास्य

मैं सौदा लेने जाता तो छांट-छांटकर गंभीर लोग लाता. मगर आश्चर्य! बरतने पर सब हास्यास्पद निकलते!

अंतत निष्कर्ष निकला कि गंभीर दिखना है तो पहले हास्यास्पद होना पड़ेगा.

-संजय ग्रोवर

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