Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 Sep 2022 · 1 min read

कभी हक़ किसी पर

कभी हक़ किसी पर जताया नहीं है।
ख़्वाहिश है क्या ये बताया नहीं है ।।
नाराज़ हो कर भी देखा है हमने।
किसी ने भी हमको मनाया नहीं है।।
कसमों का मेरी यकीं तुम न करना।
वादा कोई भी निभाया नहीं है।।
एहसास ए दिल की शिद्दत है शायद।
भुला के भी तुमको भुलाया नहीं हैं।।
कभी हक़ किसी पर जताया नहीं है।
ख़्वाहिश है क्या ये बताया नहीं है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Loading...