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31 Aug 2022 · 1 min read

गणेश चतुर्थी

विघ्न हरता मंगल करता,
सब देवों के देव भी हो।
आप ही तो आरंभ करता,
आप ही सबके अन्त हो।।

कैसे पूजन करूं मैं आपका,
मै तो हूं बहुत मूर्ख अज्ञानी।
ज्ञान की ज्योति जलाओ प्रभु,
बन जाऊं कुछ तो मैं भी ज्ञानी।।

घर पर पधारो आप मेरे,
लेकर रिद्धि सिद्धि अपार।
अब दरस दे दो प्रभु सबको,
भक्तो को तुम अब एक बार।।

कैसे करू गुणगान मै तुम्हारा,
तुम तो सब सिद्धि दायक हो।
मै तो ठहरा अबोध अज्ञानी,
तुम तो सब कार्यो के कारक हो।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
4 Likes · 7 Comments · 371 Views
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