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30 Aug 2022 · 1 min read

शायद अब ज़िंदगी में

मिल के बिछड़ गये,
बिछड़ के मिलें कभी ।
शायद अब ज़िंदगी में,
कभी इत्तिफ़ाक हो ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 744 Views
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