गोपालक श्रीकृष्ण: कुंडलिया

गोपालक श्रीकृष्ण: कुंडलिया
********************************
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर
दूध दही माखन मिला, गौओं से चहुँ ओर
गौओं से चहुँ ओर ,गाय को माता मानें
सदा झुकाऍं शीश, सभी सुख गउ में जानें
कहते रवि कविराय,धरा गोकुल में आकर
कहें कृष्ण मैं धन्य, नित्य ही धेनु चराकर
______________________________
रचयिता ःरवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451