Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2022 · 1 min read

भक्ति का सागर

भक्ति का सागर
—————–
दिल के अपने भावों का मैंने ,
फूलों का हार बना,
प्रभु के गले पहनाया,
अपने उर का अनंत प्यार।

अपने झीने से आंचल में,
भरा हुआ करूणा का भार।
कैसे इतनी पीड़ा सहूं,
करो प्रभु!मुझ पर उपकार।

पल-पल करना कृपा मुझ पर!
इस लिए बैठी हूं,
मुझ विरहन को और न सूझे,
प्यारा भक्ति का कोई दर।।

सफल हुई साधना मेरी,
मन खुशियों से हर्षाया।
प्रभु! कृपा सदा बरसे,
सब सुख तेरे चरणों में पाया।।

जो कुछ था पास मेरे,
भावों से तुमको चढ़ाया।
मुझ भक्तन के पास नहीं कुछ,
बस!जो भी था, फूलों का हार पहनाया।।
भक्ति के सागर में, मैंने पूरा संसार है पाया।
गागर से सागर में, मेरे हृदय को सुख
चैन है आया!!!

सुषमा सिंह*उर्मि,,

Language: Hindi
183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sushma Singh
View all

You may also like these posts

विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
पंकज परिंदा
"ये लोकतंत्र है"
Dr. Kishan tandon kranti
हे नर
हे नर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में
मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में
Er.Navaneet R Shandily
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
मिली नही विश्वास की, उन्हें अगर जो खाद
मिली नही विश्वास की, उन्हें अगर जो खाद
RAMESH SHARMA
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय प्रभात*
गिरगिट माँगे ईश से,
गिरगिट माँगे ईश से,
sushil sarna
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
पूर्वार्थ
वक्त की रेत पर
वक्त की रेत पर
करन ''केसरा''
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समय
समय
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं
मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
*राम का आगमन*
*राम का आगमन*
Pallavi Mishra
ଆପଣ କିଏ??
ଆପଣ କିଏ??
Otteri Selvakumar
Discover the Tranquility of Jungle House in Mukteshwar
Discover the Tranquility of Jungle House in Mukteshwar
Rakshita Bora
कमली हुई तेरे प्यार की
कमली हुई तेरे प्यार की
Swami Ganganiya
यहाॅं हर कोई जीयेगा,
यहाॅं हर कोई जीयेगा,
Ajit Kumar "Karn"
*भ्रष्टाचार*
*भ्रष्टाचार*
Dushyant Kumar
किरदार
किरदार
Ruchika Rai
नारी बिन नर अधूरा🙏
नारी बिन नर अधूरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रात स्वप्न में रावण आया
रात स्वप्न में रावण आया
श्रीकृष्ण शुक्ल
তুমি নেই
তুমি নেই
Sakhawat Jisan
खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा,
खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा,
Manisha Manjari
संघर्ष
संघर्ष
Shyam Sundar Subramanian
वंश वृक्ष
वंश वृक्ष
Laxmi Narayan Gupta
कविता
कविता
Rambali Mishra
वर्तमान परिदृश्य में विचारधारा भी एक बिजनेस बनकर रह गया है ।
वर्तमान परिदृश्य में विचारधारा भी एक बिजनेस बनकर रह गया है ।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...