Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2022 · 1 min read

बगावत करो

कह दो आज
पूरे वतन से!
बगावत बेहतर
है कफ़न से!!
तुम्हें ज़ालिम
बख़्श देंगे!
निकलो बाहर
इस वहम से!!
#Dalit #Minorities #tribes #हक़
#SupremeCourtOfIndia #बहुजन

Language: Hindi
110 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
काश तुम मेरे पास होते
काश तुम मेरे पास होते
Neeraj Mishra " नीर "
तुम्हारे वास्ते हम ने गुलाल भेजा है
तुम्हारे वास्ते हम ने गुलाल भेजा है
Neeraj Naveed
*The malafide prejudiced mind*
*The malafide prejudiced mind*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़हनी मौत
ज़हनी मौत
Shekhar Chandra Mitra
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
अंसार एटवी
ग़ज़ल _ दर्द भूल कर अपने, आप मुस्कुरा देना !
ग़ज़ल _ दर्द भूल कर अपने, आप मुस्कुरा देना !
Neelofar Khan
शहर की गहमा गहमी से दूर
शहर की गहमा गहमी से दूर
हिमांशु Kulshrestha
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
शेखर सिंह
पलास के टेसू
पलास के टेसू
Santosh kumar Miri "kaviraj"
स्वाभाविक
स्वाभाविक
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
# पिता#
# पिता#
Madhavi Srivastava
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
Sanjay ' शून्य'
किसान
किसान
Aman Kumar Holy
आ
*प्रणय प्रभात*
प्राण प्रतिष्ठा या मूर्खता..??
प्राण प्रतिष्ठा या मूर्खता..??
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम्हारी आंखें
तुम्हारी आंखें
Jyoti Roshni
My Guardian Angel
My Guardian Angel
Manisha Manjari
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बेवक़ूफ़
बेवक़ूफ़
Otteri Selvakumar
अनकहा दर्द (कविता)
अनकहा दर्द (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
"तुम इंसान हो"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ. कुँअर बेचैन : कुछ यादें
डॉ. कुँअर बेचैन : कुछ यादें
Ravi Prakash
*******प्रेम-गीत******
*******प्रेम-गीत******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं भी बचा न सकी ओट कर के हाथों की
मैं भी बचा न सकी ओट कर के हाथों की
Meenakshi Masoom
आभासी खेल
आभासी खेल
Vivek Pandey
श्रेष्ठ विचारों को वाणी का आभूषण मात्र बनाने से कल्याण नहीं
श्रेष्ठ विचारों को वाणी का आभूषण मात्र बनाने से कल्याण नहीं
ललकार भारद्वाज
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मां बाप
मां बाप
Mandar Gangal
Loading...