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23 Aug 2022 · 1 min read

मत समझना....

मत समझना….

गांव की हूं, गंवार मत समझना,
भोली हूं, वहम मत पालना।
जी खोलकर जीती हूं, पागल मत कहना,
हंस कर बोलती हूं, चरित्रहीन मत समझना।।

सीमा टेलर ‘तू है ना’ (छिम़पीयान‌‌‌ लम्बोर)

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