जिंदगी में जो मिला सब खास
20/8/2022
आधार छन्द- मनोरम गाल(मापनी युक्त मात्रिक) 17 मात्रा
मापनी- गालगागा गालगागा गाल
समान्त- आस अपदान्त
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गीतिका
जिंदगी में जो मिला सब खास।
हर घड़ी ही हो रहा आभास। ।
फूल कांटे सब मिले हैं संग,
हो विविधता का रहा अहसास।
पा लिया चाहे अतुल धन धान्य,
हैं सभी हम उस प्रभू के दास।
हैं सभी चाहे अलग इंसान ,
हर मनुज में ईश का ही वास ।
बस बसें मन में सदा शुचि भाव
कर रहा है अब अटल अरदास ।
अटल मुरादाबादी