Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Aug 2022 · 1 min read

अमृतकाल

ये स्वतंत्रत अमृतकाल
पुण्य धरा भारत को
प्रदान कर रहे हैं महाकाल
उपहार है हर भारतीय को

अब निश्चय करले हर मन
राष्ट्र की सेवा में अर्पित तन मन
नए संकल्प का उत्साह लेकर
प्रगति पथ पर जुट जाए जन जन

यह राष्ट्र अजेय अविनाशी है
जिसके संस्कृति में काशी
गंगा का अमृत जल जिसका
निवासी जिसका भारतवासी है

Loading...