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12 Aug 2022 · 1 min read

पता नहीं तुम कौनसे जमाने की बात करते हो

मेरे दिल को तोड़कर तुम फिर से
दिल लगाने कि बात करते हो
पता नही यार तुम कौनसे
जमाने कि बात करते हो
महफिल में बुला कर तुम
चाय पिलाने कि बात करते हो
सामने रख कर काँच का गिलास
तुम डिस्पोजल में पीने की बात करते हो
जमिन से थोड़ा सा ऊपर क्या उठ गए
तुम तो उड़ने कि बात करते हो
पता नहीं यार तुम कौनसे
जमाने की बात करते हो
हाथ में घड़ी बाँधकर भी तुम
समय की बात करते हो
यादों में आज भी बसे हो तुम
फिर से भूल जाने की बात करते हो
सच-सच क्यों नहीं बता देते हो यार
तुम आज भी मेरा दिल
जलाने की बात करते हो
पता नहीं यार तुम कौनसे
जमाने की बात करते हो
मनोज तानाण
(Manoj Tanan)

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