Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2022 · 1 min read

नहीं छिपती

सात परदो में छुपा कर रखो चाहो…

मुहब्बत हो या नफ़रत…ज़ाहिर

हो ही जाती है…………. शबीनाZ

Language: Hindi
521 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all

You may also like these posts

It's just you
It's just you
Chaahat
ख़ैरियत पूछने से, बदलता कुछ भी नहीं पर दिल को तसल्ली हो जाती
ख़ैरियत पूछने से, बदलता कुछ भी नहीं पर दिल को तसल्ली हो जाती
ललकार भारद्वाज
तुमसे दूर इस उदास शहर में, उस सूखती नदी के किनारे पर बैठा हु
तुमसे दूर इस उदास शहर में, उस सूखती नदी के किनारे पर बैठा हु
पूर्वार्थ
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
Yogendra Chaturwedi
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
Ravi Prakash
" सोचिए "
Dr. Kishan tandon kranti
हम क्यों मतलब उनसे रखें
हम क्यों मतलब उनसे रखें
gurudeenverma198
डिजिटल अरेस्ट: ठगी का नया फंडा
डिजिटल अरेस्ट: ठगी का नया फंडा
अरशद रसूल बदायूंनी
स्याह एक रात
स्याह एक रात
हिमांशु Kulshrestha
परिवर्तन
परिवर्तन
Neha
होली का रंग चढ़े यूं सब पर,
होली का रंग चढ़े यूं सब पर,
पूर्वार्थ देव
अपना पन तो सब दिखाते है
अपना पन तो सब दिखाते है
Ranjeet kumar patre
टैडी बीयर
टैडी बीयर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
जय लगन कुमार हैप्पी
घुटन
घुटन
शिवम राव मणि
लगाव
लगाव
Arvina
हम भी कहीं न कहीं यूं तन्हा मिले तुझे
हम भी कहीं न कहीं यूं तन्हा मिले तुझे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भीतर तू निहारा कर
भीतर तू निहारा कर
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
बदला सा व्यवहार
बदला सा व्यवहार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
​चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
​चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
Atul "Krishn"
जिंदगी के आईने को चश्मे से देखा मैंने,
जिंदगी के आईने को चश्मे से देखा मैंने,
Deepesh purohit
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
अश्विनी (विप्र)
कुछ प्रेम उत्सव नहीं मना पाते
कुछ प्रेम उत्सव नहीं मना पाते
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
विषय- पति को जीवन दिया।
विषय- पति को जीवन दिया।
Priya princess panwar
प्रेम
प्रेम
विशाल शुक्ल
अबकी बार निपटा दो,
अबकी बार निपटा दो,
शेखर सिंह
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
अब ना देखो फिर से मिलके
अब ना देखो फिर से मिलके
Karishma Chaurasia
सरकार ने जिन 16 सांपों के यूट्यूब चैनल पर रोक लगाई है, उनके
सरकार ने जिन 16 सांपों के यूट्यूब चैनल पर रोक लगाई है, उनके
*प्रणय प्रभात*
कविता कीर्तन के है समान -
कविता कीर्तन के है समान -
bharat gehlot
Loading...