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4 Aug 2022 · 2 min read

चार्ली ७७७ : एक भावना प्रधान फिल्म

आज voot पर चार्ली ७७७ देखकर हम बहुत रोए,
वाकई बहुत दिल को छू लेने वाली फिल्म है कैसे एक गुस्सेल इंसान को एक कुत्ते ने नर्म दिल इंसान बना दिया ।और किस तरह से वोह नर्म दिल इंसान एक मरते हुए कुत्ते की आखरी ख्वाइश पूरी करने के लिया तत्पर हो गया ।कितने कष्ट उठाए उसने एक कुत्ते के लिए ।कौन ऐसा कर सकता है ? कोई इंसान भी इंसान के लिए इतना कष्ट नहीं उठाएगा।गैर इंसान की बात छोड़ो ,अपने करीबी मित्र ,भाई बहन ,माता पिता आदि रिश्तों के लिए भी नहीं करेगा ।और कोई इंसान भी किसी इंसान की जिंदगी को ,
सही दिशा में ले जाने के लिए बिना स्वार्थ के कुछ नहीं करेगा जो एक मासूम से कुत्ते ने किया ।
और इस फिल्म ने एक ओर मामले में हमारी आंखे खोल दी ।की दुनिया में इन मासूम बेजुबानों के साथ क्या क्या अनाचार ,अत्याचार होते है ।कोई इनका दर्द समझने की कोशिश ही नहीं करता । कहने को सब अपने आप को इंसान कहते हैं। मगर हम किसी जीव की पीड़ा को कहां समझते हैं।बल्कि उसे दुत्कारते है ।कुछ लोग तो इनसे नफरत तक करते हैं। जैसे इन्होने किसी से बहुत बड़ी जायदाद मांग ली हो ,या कोई बहुत बड़ा नुकसान कर दिया हो ।इंसान इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है तो बेजुबान किसी का शत्रु कैसे हो सकता है ।उनकी भोली सी,मासूम सी नज़रों में भावनाओं की ऐसी कोमल और साफ नदी बहती है की कोई भी उसमें डूबे वोह देवता बन जाए।अरे इंसान ही बन जाओ वही बड़ी बात है ।
हमारा तो इंसान होने के नाते यह अहम फर्ज है की हम इंसानों की दुनिया में इन बेजुबानों के लिए भी सुन्दर और सुरक्षित जहां बसा पाएं ।जहां यह अपने स्वाभाविक गुणों के साथ सुरक्षित और निष्कंटक जीवन गुजार सकें ।
यही संदेश देती है यह फिल्म चार्ली ७७७.

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Comments · 449 Views
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