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28 Jul 2022 · 1 min read

बहुत प्यार करता हूं तुमको

सुबह देखता हूं जब मैं तुम्हें
तभी मेरी दिनचर्या शुरू होती है
तुम्हारे हाथ की बनी वो चाय
मेरे तन मन में ताज़गी भर देती है

इधर उधर पड़ी मेरी ऐनक
बस तुमको ही तो मिलती है
जब ऑफिस के लिए बच्चों जैसे
मुझको तैयार तू करती है

खोलता हूं दिन में अपना लंच
मुझे सामने तू नज़र आती है
देखती रहती है मुझे एक टक
बस साथ खाना नहीं खाती है

होती है जबतक सांझ कसम से
तेरी याद बहुत सताती है मुझे
देख पाऊं जल्द तेरा मुस्कुराता चेहरा मैं
घर पहुंचने की जल्दी होती है मुझे

पहुंचता हूं जब थककर घर मैं
तेरी एक मुस्कान सारी थकान मिटा देती है
तेरे हाथों से मिली चाय की एक प्याली
टूटे शरीर में नई ताज़गी जगा देती है

मेरे घर संसार को चहल पहल से
हमेशा तू ही जगमगाए रखती है
एक दिन भी न हो पास अगर तू
मुझे तेरी वो दूरी बहुत अखरती है

देखता हूं तेरा मुस्कुराता चेहरा
अजब सुकून मिलता है दिल को
कहना चाहता हूं मैं आज तुमसे
मैं बहुत प्यार करता हूं तुमको।

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