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28 Jul 2022 · 1 min read

ऊपर अस्ल ठिकाना है

ऊपर अस्ल ठिकाना है
इक रोज़ वहीं जाना है

माया का जंजाल यहाँ
क्या खोना क्या पाना है

झूम रहा जो मस्ती में
शख़्स वही दीवाना है

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