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28 Jul 2022 · 1 min read

कर्म

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कर्म
०००
जीवन के दिन चार , गँवाना व्यर्थ नहीं ,
हो जाये उद्धार , करो शुभ कर्म यहीं ,
समझ न पाये नीति, व्यर्थ व्यापार किया ,
कमा न पाये लाभ, सदा ही चोट सहीं ।
🌹
-महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
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