Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Jul 2022 · 1 min read

'भारत की प्रथम नागरिक'

देश के प्रथम नागरिक के पद पर एक आदिवासी नारी का होना निश्चित रूप से सामाजिक समरसता एवं नागरिक समनाता का प्रतीक है। दुनिया भर के लिए आदर्श रूप में प्रेरणादायी है।
उससे भी गर्व की बात यह है कि वो ऐसे ही यहाँ तक नहीं पहुँची हैं। अनुभवी हैं,साधारण जीवन जीनेवाली हैं। जीवन में अनेक संघर्षों का सामना करती आई हैं। निश्चित रूप से एक गरीब और अभाव ग्रस्त व्यक्ति की वेदना का अनुभव उन्हें अभी भी होता होगा। वो भी एक स्त्री की तो अनगिनत बाध्यताएँ होती हैं। कर्म वीरांगना हैं। हर परिस्थिति से लड़ना और संभलना जानती हैं। फिर भी सौम्य सरल स्वभाव का त्याग नहीं किया ,जो उनके गुणों में और भी वृद्धि करता है। वास्तव में माननीय के विरोध में किसी के उतरने की आवश्यकता ही नहीं होनी चाहिए थी। सर्व सम्मति से सादर पदासीन होती तो एक मिशाल हो जाती। खैर फिर भी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद प्राप्त होना बहुत आनंद प्रद है। एक सुऐतिहासिक घटना है
पूरा देश आपका हार्दिक अभिनंदन करता है माननीय महोदया ।
-Gn

Loading...