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24 Jul 2022 · 1 min read

मौसम मौसम बदल गया

मौसम मौसम बदल गया
तेरी अब कोई ख़बर नहीं
तन्हा तनहा रहते हम
होता अब हमको सबर नहीं
सावन सावन चला गया
साजन का कोई जिकर नहीं
धीरे धीरे तू दूर गया
प्रियतम की कोई फ़िकर नहीं
अंधेरा अंधेरा छा गया
क्या दिखता अब सनम नहीं
कटा कटा रहता हूं
मानो दिल पर लगे हो ज़ख्म कई
गुमसुम गुमसुम रहता हूं
न करता अब करम कोई
तू ही तू सब जगह दिखे
होता हमको भरम यहीं
पल पल बारिश याद करू
लगता नहीं तू चली गईं
मौसम मौसम बदल गया
तेरी अब कोई ख़बर नहीं

The_dk_poetry

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