Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
22 Jul 2022 · 1 min read

पग पग में विश्वास

खामोश हैं लब पर
पग पग में विश्वास
नए मुकाम पे पहुंच
रच देंगे नया इतिहास
कंधे पर लटकते बैग में
सिमटी यारों की दुआएं
नदिया की तरह बहकर
हम अपना मुकाम पाएं
संकल्प नव सृजन का
रग रग में उमड़ रहा है
बाहें फैलाकर गगन भी
अब आमंत्रण दे रहा है

Loading...