Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Jul 2022 · 1 min read

ये सफ़र भी ज़रुरी था

उस मोड़ से इस मोड़ का सफ़र भी जरूरी था,
कुछ नये का मिलना, कुछ अपनों का बिछड़ना भी जरूरी था।

जिंदगी में साथ खुद का खुद के साथ है,
है मेरे साथ कुछ खास,भरम का मिटना भी जरूरी था।

कुछ वादों का टुटना, कुछ नये इरादों का बनना भी जरूरी था,
जिंदगी जीने के लिए जिंदगी को समझना भी जरूरी था।

अहमियत समझने के लिए फासलों का मिटना भी जरूरी था,
बातों से बात, हाथों से हाथ और फिर अपनों का साथ छुटना भी जरूरी था।

Loading...