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20 Jul 2022 · 1 min read

सावधान हो जाओ, मुफ्त रेवड़ियां बांटने बालों

सावधान हो जाओ, मुफ्त रेवड़ियां बांटने वाले
हम भी न हो जाएं दिवालिया, पड़ जाएं खाने के लाले
सत्ता और कुर्सी लालची,जब वे लगाम होते हैं
लोकलुभावन घोषणाएं कर, सत्ता पर काबिज होते हैं
सरकारी खज़ानों के, अंजाम बुरे होते हैं
कालांतर में हम आप सभी,उन अंजामों को ढोते हैं
श्रीलंका से हम आप सभी, उनके कर्मों को रोते हैं
सावधान सारे नेताओं,मत करो खजाना खाली
लोकलुभावन घोषणाएं सुन, तुम भी न बजाओ ताली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

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