Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2022 · 1 min read

जिन्दगी और दर्द

जब जिन्दगी ने
जरूरत से ज्यादा दर्द दिया
मैने भी दर्द मे
हँसने का हुनर सीख लिया
तब से किसी को पता ही
नही चलता है
मै कब दर्द मे रहती हूँ
और कब मेरे जीवन खुशी रहता है
अब लोग इंतजार करते रहते है
आखिर यह रोती क्यो नही
सोचते रह जाते है लोग
लगता है इसके जीवन मे अब
किसी तरह का कोई दर्द
आता ही नही है।

~अनामिका

3 Likes · 2 Comments · 401 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नहीं-नहीं प्रिये!
नहीं-नहीं प्रिये!
Pratibha Pandey
4187💐 *पूर्णिका* 💐
4187💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हम सभी केवल अपने लिए जीते और सोचते हैं।
हम सभी केवल अपने लिए जीते और सोचते हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
VEDANTA PATEL
ज़िंदगी में छोटी-छोटी खुशियाॅं
ज़िंदगी में छोटी-छोटी खुशियाॅं
Ajit Kumar "Karn"
बीते लम़्हे
बीते लम़्हे
Shyam Sundar Subramanian
आत्मविश्वास ही आपका सच्चा साथी और हर स्थिति में आपको संभालने
आत्मविश्वास ही आपका सच्चा साथी और हर स्थिति में आपको संभालने
ललकार भारद्वाज
मुहब्बत के मआनी मुझे आते ही नहीं,
मुहब्बत के मआनी मुझे आते ही नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
Raju Gajbhiye
टीस
टीस
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सोचे सारे ख्वाब
सोचे सारे ख्वाब
RAMESH SHARMA
संघर्षशीलता की दरकार है।
संघर्षशीलता की दरकार है।
Manisha Manjari
ये लोकतंत्र की बात है
ये लोकतंत्र की बात है
Rohit yadav
भाभी जी आ जायेगा
भाभी जी आ जायेगा
Ashwani Kumar Jaiswal
लिखूँगा तुम्हें..
लिखूँगा तुम्हें..
हिमांशु Kulshrestha
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
कोई तंकीद कर नहीं पाते
कोई तंकीद कर नहीं पाते
Dr fauzia Naseem shad
https://vin777.contact/
https://vin777.contact/
VIN 777
चलो ऐसा भी करते हैं
चलो ऐसा भी करते हैं
Suryakant Dwivedi
मेरी पुरानी कविता
मेरी पुरानी कविता
Surinder blackpen
"आंखों के पानी से हार जाता हूँ ll
पूर्वार्थ
सीढ़ी बनकर मंज़िल तक पहुंचाया हमने,
सीढ़ी बनकर मंज़िल तक पहुंचाया हमने,
करन ''केसरा''
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
त्योहारी मौसम
त्योहारी मौसम
Sudhir srivastava
काश मुझे तुम दे जाते
काश मुझे तुम दे जाते
प्रदीप कुमार गुप्ता
"दोस्ती की उम्र "
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
Jyoti Roshni
जिंदगी तुम रूठ ना जाना ...
जिंदगी तुम रूठ ना जाना ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
Atul "Krishn"
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
डॉक्टर रागिनी
Loading...