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14 Jul 2022 · 1 min read

लागेला धान आई ना घरे

काहें रुसल बाटे सावन से बदरिया
लागेला धान आई ना घरे
कइले हाँथे रहि जाई का रोपनिया
लागेला धान आई ना घरे

लोग ताकेला आकासे
धरती रहि जा पियासे
बादर पानी के ना करे अब लदनिया
लागेला धान आई ना घरे
कइले……..लागेला………

सगरो आस लागल मरे
सूरज आगि तरे जरे
गोर बाटे उहो भइल जाता करिया
लागेला धान आई ना घरे
कइले……..लागेला………

दादुर मुँह नाहीं खोले
कहियो मोर नाहीं डोले
बादर पानी के ना होत बा लगनिया
लागेला धान आई ना घरे
कइले……..लागेला………

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 12/07/2022

Language: Bhojpuri
366 Views
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