Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jul 2022 · 1 min read

ख्वाहिश है।

ऐसे ख्वाहिश है तुझे पाने की मेरे कल्ब को।
जैसे बंजर जमीं चाहती हो आब ए अब्र को।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 4 Comments · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
दीपक बवेजा सरल
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
बड़े तंग रास्ते
बड़े तंग रास्ते
साहित्य गौरव
दिल में बसाना नहीं चाहता
दिल में बसाना नहीं चाहता
Ramji Tiwari
मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
Kirtika Namdev
राम आयेंगे
राम आयेंगे
Deepali Kalra
मेरे हिंदुस्तान में
मेरे हिंदुस्तान में
vivek saxena
"नवाखानी"
Dr. Kishan tandon kranti
वफ़ा और बेवफाई
वफ़ा और बेवफाई
हिमांशु Kulshrestha
रमेशराज के हास्य बालगीत
रमेशराज के हास्य बालगीत
कवि रमेशराज
दोस्त न बन सकी
दोस्त न बन सकी
Satish Srijan
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
अंकित आजाद गुप्ता
संतानों का दोष नहीं है
संतानों का दोष नहीं है
Suryakant Dwivedi
दलितों जागो अपना उत्थान करो
दलितों जागो अपना उत्थान करो
डिजेन्द्र कुर्रे
देख ! सियासत हारती, हारे वैद्य हकीम
देख ! सियासत हारती, हारे वैद्य हकीम
RAMESH SHARMA
4426.*पूर्णिका*
4426.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"यहाँ चंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
पूर्वार्थ
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
विकल्प
विकल्प
Shashi Mahajan
सपने उन्हीं के सच होते हैं, जिनके हौसलों में जान होती है।
सपने उन्हीं के सच होते हैं, जिनके हौसलों में जान होती है।
पूर्वार्थ देव
🙅आज का सबक़🙅
🙅आज का सबक़🙅
*प्रणय प्रभात*
आसमान की छोड़ धरा की बात करो।
आसमान की छोड़ धरा की बात करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तेरा प्यार चाहिए
तेरा प्यार चाहिए
seema sharma
मैं इक निर्झरिणी नीर भरी
मैं इक निर्झरिणी नीर भरी
Kavita Chouhan
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
ज़िंदगी के ज़ायके में कितनी कड़वाहट भरी
ज़िंदगी के ज़ायके में कितनी कड़वाहट भरी
jyoti jwala
केकैयी का पश्चाताप
केकैयी का पश्चाताप
Dr Archana Gupta
*अच्छा रहता कम ही खाना (बाल कविता)*
*अच्छा रहता कम ही खाना (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
एक वो ज़माना था...
एक वो ज़माना था...
Ajit Kumar "Karn"
Loading...