अब जमाना आ गया( गीतिका )
अब जमाना आ गया( गीतिका )
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फेसबुक और व्हाट्सएप का अब जमाना आ
गया
अच्छा हुआ हमको कि जो इनको चलाना
आ गया (1)
डाकिए की शक्ल देखे एक अरसा हो चुका
चिट्ठियों ! अब तो हमें तुमको भुलाना आ गया(2)
जिनको समझते थे सरल-सीधा सदा निर्दोष
हम
अब सुना है उनको भी पीना-पिलाना आ
गया (3)
सोहबतों का है असर या फिर जमाने की हवा
रिश्वतें सबको मजे से खूब खाना आ गया(4)
बातें करेंगे चार गज की, इंच-भर हिलना नहीं
गाल देखो जाने कितनों को बजाना आ गया(5)
सब समस्याओं का केवल एक हल आया
समझ
” हम दो हमारा एक “-राहों पर जो जाना आ
गया (6)
अक्सर बहस में जीतने का अर्थ होता हार है
जीत उसकी है जिसे सिर को झुकाना आ
गया (7)
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर
( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451