✍️बहोत गर्मी है✍️

✍️बहोत गर्मी है✍️
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बहोत इतराते हो अंदर के गर्मी पर
और हँसते हो किसीं की भी नर्मी पर
किसी दिन उस सूरज ने आंख मूंद ली
तो उजाले भी नसीब नहीं होंगे अर्थी पर
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✍️”अशांत”शेखर✍️
04/07/2022