Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2022 · 1 min read

मेरे दिल की धड़कन से तुम्हारा ख़्याल…../लवकुश यादव “अज़ल”

चाहत हो मेरी याद रखना, दिल में मेरा नाम रखना।

भूल जाओ ऐसा मुमकिन नहीं, दिल मे हूँ मैं ख्याल रखना।।

पवन की तरह हूँ मैं, एहसास से बता दूँ हो कहा तुम।

यार इतना कमाल करना,चाहत हो मेरी याद रखना।।

किरदार हूँ अज़ल का, मैं अवतार नहीं देवता का,

हम मिले नहीं न मलाल रखना, प्यार हूँ तुम्हारा याद रखना।।

दौलतों का राजा नहीं हूं मैं, जरा मुझ पर एहतराम रखना,

बरस जाएँ न ये आँखें, देख करके तुम्हें ख्याल रखना।।

चाहतों के नग़्मे हैं उदासी में, इस बात का ध्यान रखना।

मैं अपनी अंतिम लाइन, तुम्हारे ही लिए लिखूंगा याद रखना।।

कभी बारिश में भीगना हो तो, मेरी डांट याद रखना,

सर्दी लग जाती है तुम्हें, इस बात का ख्याल रखना।।

अजी सुनो बैठो कभी पास, प्यार पुराना है याद रखना।

करना कभी अगर मुझसे बातें, मैं अज़ल हूँ ये याद रखना।।

चाहत हो मेरी याद रखना, दिल में मेरा नाम रखना।

भूल जाओ ऐसा मुमकिन नहीं, दिल मे हूँ मैं ख्याल रखना।।

लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश

2 Likes · 2 Comments · 409 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

खेजड़ी
खेजड़ी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
उड़ी रे उड़ी, देखो तुम यह पतंग
उड़ी रे उड़ी, देखो तुम यह पतंग
gurudeenverma198
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
Shweta Soni
सबक
सबक
Saraswati Bajpai
हर राह सफर की।
हर राह सफर की।
Taj Mohammad
मेहनत और तनाव
मेहनत और तनाव
Dr MusafiR BaithA
The Rising Sun
The Rising Sun
Buddha Prakash
मेरे हाल से बेखबर
मेरे हाल से बेखबर
Vandna Thakur
I want to tell them, they exist!!
I want to tell them, they exist!!
Rachana
मठाधीशों के
मठाधीशों के
*प्रणय प्रभात*
*भटकाव*
*भटकाव*
Priyank Upadhyay
बच्चा बच्चा बने सपूत
बच्चा बच्चा बने सपूत
महेश चन्द्र त्रिपाठी
क्या कहा?
क्या कहा?
Kirtika Namdev
प्रस्तुति : इशरत हिदायत ख़ान
प्रस्तुति : इशरत हिदायत ख़ान
इशरत हिदायत ख़ान
नज़र को नज़रिए की तलाश होती है,
नज़र को नज़रिए की तलाश होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |
जगदीश शर्मा सहज
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
चंचल  मन  पर  काबू  पा  लेना  बहुत बड़ी सी बात है,
चंचल मन पर काबू पा लेना बहुत बड़ी सी बात है,
Ajit Kumar "Karn"
इसलिए लिख के
इसलिए लिख के
Dr fauzia Naseem shad
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
स्वीकार्य
स्वीकार्य
दीपक झा रुद्रा
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
विरह व्यथा
विरह व्यथा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
"मन"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ शारदे कृपा कर दो
माँ शारदे कृपा कर दो
Sudhir srivastava
इश्क तू जज़्बात तू।
इश्क तू जज़्बात तू।
Rj Anand Prajapati
Loading...