Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2022 · 2 min read

जिज्ञासा

सीखने की प्रवृत्ति का जन्म जिज्ञासा से होता है । जिज्ञासा सीखने की अनुपूरक है ।
दुनिया में जितने भी वैज्ञानिक, महापुरुष, राजनीतिज्ञ एवं दार्शनिक हुए है । उन सभी लोगो में एक विषय-वस्तु समान रूप से विद्यमान थी । जिसका नाम जिज्ञासा है । वह जिज्ञासा ही है, जो इंसान को चांद,ग्रह,नक्षत्र,तारो एवं ब्राह्मंड तक पहुंचायी । उत्सुकता ही सीखने की जननी है।
प्राकृतिक में हो रहे क्रियाकलापो का अध्ययन कर अनगिनत वैज्ञानिक हुए ।जैसे न्यूटन की उत्कट जिज्ञासा ने ही गुरुत्वाकर्षण को ढूंढ निकाला, तो आर्कमिडीज ने उत्प्लावन बल यानि की किसी भी वस्तु की जल में परिवर्तनीय स्थिति । वह जिज्ञासा ही थी जिसने थॉमस एल्वा एडिसन को विद्युत बल्ब बनाने के लिए प्रेरित की।वह जिज्ञासा ही थी डार्विन को प्राकृतिकवाद सिद्धांत को ढूँढने में कारगर सिद्ध हुई ।जिज्ञासाओ के डोर के सहारे ही अरस्तू,सुकरात,प्लेटो, कार्ल मार्क्स,रूसो,स्वामी विवेकानंद एवं कन्फ्यूशियस जैसे महान दार्शनिक समाज मे हो रहे विचारो,आदतो,व्यवहारो,और संस्कारो से पङने वाले प्रभाव को बताया और समाज को एक नई दिशा दी ।
कोरे आसमान में जैसे तारे टिमटिमाते हुए नजर आते है, हूबहू वैसे ही मस्तिष्क पटल पर जिज्ञासा सदैव सक्रिय रहती है ।
चिङियो के उङान को देखकर प्रकट हुई जिज्ञासा ने राइट बंधुओ को हवाई जहाज बनाने के लिए प्रेरित किया ।
वो जिज्ञासा ही थी जो जेम्स वॉट को भांप का इंजन बनाने को लिए प्रेरित की ।
जिज्ञासा का प्रबल रूप ही महान आविष्कारक, दार्शनिक,संगीतकार मनोवैज्ञानिक इत्यादि ओजस्वी, तेजस्वी प्रारूपो की सीढ़ी है ।
जिज्ञासा ही के सहारे एकलव्य गुरु द्रोणाचार्य को प्रस्तर के ही प्रतिबिम्ब के रूप मे गुरू मानकर अपनी मेहनत और लगन से दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बन दिखाया । वो अर्जुन की जिज्ञासा ही थी जो भगवान् श्रीकृष्ण के मुख से कुरूक्षेत्र के मैदान में ज्ञान गंगाधारा गीता के रूप में पूरे सृष्टि को मोक्ष का मार्ग दिखाने वाली ज्ञानपुंज के रूप में सामने आई ।
सारे आविष्कार, किसी भी चीज का उद्भव,इतिहास, मोहनजोदङो, हङप्पा, लोथल,महासागर की विविधता, ब्रह्मांड की सर्व व्यापकता सभी के संदर्भ में जानने से पहले मानव ने जिज्ञासा किया होगा ।
जिज्ञासा मस्तिष्क की आत्मा है,चंचलता उसकी धारा है ।
जिज्ञासाओ के सहारे इंसान दुनिया के कई अनसुलझे रहस्यो को सुलझा सकता है ऐसा मेरा मानना है ।

Language: Hindi
Tag: लेख
425 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

समस्त महामानवों को आज प्रथम
समस्त महामानवों को आज प्रथम "भड़ास (खोखले ज्ञान) दिवस" की धृष
*प्रणय प्रभात*
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
मानसिक तनाव यह नहीं है की आप आत्महत्या का रास्ता चुन लेते है
मानसिक तनाव यह नहीं है की आप आत्महत्या का रास्ता चुन लेते है
पूर्वार्थ देव
तो जानें...
तो जानें...
Meera Thakur
तेरी याद दिल से जाती नहीं
तेरी याद दिल से जाती नहीं
gurudeenverma198
- तेरे बिना -
- तेरे बिना -
bharat gehlot
नारी
नारी
Dr.Pratibha Prakash
" वतन "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
शब्द केवल शब्द नहीं हैं वो किसी के लिए प्राण हैं
शब्द केवल शब्द नहीं हैं वो किसी के लिए प्राण हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
मनोज कर्ण
गर जानना चाहते हो
गर जानना चाहते हो
SATPAL CHAUHAN
राधा
राधा
Rambali Mishra
बिखरना
बिखरना
Dr.sima
*रिश्तों का बाजार*
*रिश्तों का बाजार*
Vaishaligoel
अजब गजब
अजब गजब
Akash Yadav
भोर समय में
भोर समय में
surenderpal vaidya
*जीवनदाता वृक्ष हैं, भरते हम में जान (कुंडलिया)*
*जीवनदाता वृक्ष हैं, भरते हम में जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गलियों का शोर
गलियों का शोर
PRADYUMNA AROTHIYA
रिश्तों में अपनापन का अहसास होता है ।
रिश्तों में अपनापन का अहसास होता है ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
VINOD CHAUHAN
रेस
रेस
Karuna Goswami
भालू,बंदर,घोड़ा,तोता,रोने वाली गुड़िया
भालू,बंदर,घोड़ा,तोता,रोने वाली गुड़िया
Shweta Soni
वो जो बातें अधूरी सुनाई देती हैं,
वो जो बातें अधूरी सुनाई देती हैं,
पूर्वार्थ
सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Kumar Agarwal
अड़बड़ मिठाथे
अड़बड़ मिठाथे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
राधा
राधा
Mamta Rani
हर किसी पे भरोसा न कर ,
हर किसी पे भरोसा न कर ,
Yogendra Chaturwedi
अगर ढूँढू ख़ुशी तो दर्द का सामान मिलता है
अगर ढूँढू ख़ुशी तो दर्द का सामान मिलता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
3139.*पूर्णिका*
3139.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...