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23 Jun 2022 · 1 min read

शीशा ए दिल

आखिर इसे शीशा ए दिल यूं ही नहीं कहते ,
इसके नसीब में ही लिखा होता है टूटना ।
कभी रफिकों के हाथ का खिलौना बने ,
कभी रकीबों ने है इसे लूटना ।

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