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22 Jun 2022 · 1 min read

वक्त ही ना मिला

कुछ बातें की , कुछ मुलाकातें की ,
मगर वक़्त ही ना मिला तेरे साथ रहने का।

सजी धजी कई बार तुझको देखा ,
मगर वक़्त ही ना मिला सवरते देखने का।

मुस्कुराते देखा तुझको चुपके से ,
मगर वक़्त ही ना मिला तेरी बेपरवाह हसीं देखने का।

रिवाज़ो में कभी तू , कभी मैं आगे चला ,
मगर वक़्त ही ना मिला तेरे साथ चलने का।

ख्वाब बहुत सजोऐ थे हमने ,
मगर वक़्त ही ना मिला तेरे पूरा करने का।

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