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13 Jun 2022 · 1 min read

शीर्षक:पापा के जाने पर भी

शीर्षक:पापा के जाने पर भी

आपके चले जाने पर भी…
कोयल की वही कूक सुनाई दे रही हैं
मगन मतवाली उड़ उड़ गा रही हैं
डाली-डाली बैठ गुनगुना रही हैं
वही खेत वही मिट्टी पर आपकी कमी सी हैं

आपके चले जाने पर भी…
ट्यूबवेल का वही पानी बहता है
बहारों का मौसम भी वही चल रहा है
आम फिर से बोरा गए है
पर अब बाग में आपकी कमी सी हैं

आपके चले जाने पर भी…
हर पल का हमारा साथ था
दिया और बाती सा संग था
चहकता था हमारा घर आँगन
बुनने से पहले ही सपने सजने लगते थे

आपके चले जाने पर भी…
खेतों में फसल ने ली आज भी अंगड़ाई
बसंती चूनर खेतो में आज भी लहलाई
झींगुर की खनक आज भी कानो तक आई
पर आपकी कमी आज खेतो में भी नजर आई
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

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