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13 Jun 2022 · 1 min read

प्रेम

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प्रेम
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झंझावातों ने सदैव ही बस केवल विध्वंस किया है ,
तूफानों‌ ने तोड़ा-फोड़ा, जीवन को विष-दंश दिया है ,
उथल-पुथल जीवन में होना, उचित नहीं है ठीक नहीं है ,
जीवन सफल उसी‌ का जिसने, प्रेम दिया है प्रेम लिया है ।
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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