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11 Jun 2022 · 1 min read

करके शठ शठता चले

मित्रों, सादर समर्पित है कुण्डलिया
विषय-विश्वेश्वर महादेव

करके शठता शठ चले, जैसे कोई भूल।
महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल||
सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला।
छल करके क्या मिला, कपट को जबसे तौला||
कहें प्रेम कवि राय, मुक्ति काशी में मरके|
शिवा सनातन सत्य, ध्यान शिव जी का करके||

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

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