Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Jun 2022 · 1 min read

पीयूष छंद-पिताजी का योगदान

पीयूष छंद
2122 2122 212
पिताजी का योगदान

प्रेम रखते हिय सदा अरु आधार है ।
शुभ पिता जिस घर सुखी परिवार है ।।

नींव होते है पिता संस्कार है ।
एकता समभाव यह अवतार है ।।

आस है विश्वास सुंदर भावना।
दे सदा खुशियाँ हमें शुभ कामना ।।

स्वर्ग से बढ़कर पिता का प्यार है ।
मार्गदर्शन दे शुभम पितु सार है ।।

प्रेम अरु आशीष शुभ वरदान दे ।
शुभ पिता सबको सदा ज्ञान दे ।।

प्रेम से बंधन निभाना ध्येय है ।
सत्य की नित राह यह उपमेय है ।।

शुभ पिता रहते प्रमुख है सर्वदा।
पीर होती काम आते है सदा ।।

दे सुखद आनंद खुशियाँ बाटते ।
दर्द पीड़ा को सहे अरु काटते ।।

शुभ पिता का प्रेम जीवन के लिए ।
भाग्यशाली संग पिता के जिए।

भावना रिश्ते धरे भरमार जो ।
श्रेष्ठ पथ जीवन करे उद्धार जो ।।

शत नमन करते पिता ही शान है ।
कर्म शुभ करते चले सम्मान है ।।

आशा आजाद”कृति”

Loading...