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7 Jun 2022 · 1 min read

छोटू की गुल्लक

छोटू की गुल्लक

पापा ने छोटू राजा को गुल्लक एक दिलायी I
बचे खुचे पैसे रखने की आदत उसे सिखायी II
जेब खर्च से जो बचता था, गुल्लक में जाता था I
जब तब गुल्लक खोल खोल कर वह पैसे गिनता था II
धीरे धीरे बचत पांच सौ रुपयों की हो पाई I
इसी बीच में दादा जी की वर्षगाँठ भी आयी I
उस दिन छोटू ने पापा को सब पैसे पकड़ाए I
और गिफ्ट में वाकिंग स्टिक, चश्मा लेकर आये I
दादा जी ने आशीषों की उसपर झड़ी लगायी I
छोटू को फिर चाकलेट एक अच्छी सी दिलवायी I

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद I

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