Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 Jun 2022 · 1 min read

हर दिन इसी तरह

हर दिन इसी तरह,
हर सुबह वह,
जब खोलता है अपनी आँखें,
और पढ़ने लगता है अखबार,
शुरुआत वह तुमसे करता है।

देखता है वह तेरे बारे में,
क्या लिखी है कोई खबर,
मगर नहीं मिलती है उसको,
कोई खबर तेरे बारे में,
किसी भी पृष्ठ पर।

उसको मिलता है सुकून,
आ जाती है मुस्कान,
उसके चेहरे पर तब,
कि नहीं है कोई बुरी खबर,
पूरे अखबार में तेरे बारे में।

कि तू सलामत है,
और सलामत रहे तू ,
हमेशा हर कहीं पर,
जहाँ भी तू रहे,
तू आबाद रहे हमेशा,
हमेशा मुस्कराती रहे।

तेरा हर सपना साकार हो,
और हमेशा मिले खुशखबरी,
तेरे बारे में अखबार में,
करता है ऐसी प्रार्थना,
वह सच्चे मन से ईश्वर से,
हर दिन इसी तरह।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847

Loading...