रिश्तों की दौलत
जिन रिश्तों में प्यार और आत्मीयता नहीं होती ,
उन रिश्तों में गहराई भी नहीं होती ।
ऐसे रिश्ते भविष्य में जायदा दूर तक नही जाते ,
की उम्र जायदा लंबी नही होती ।
आज कल लोग दिल से नही दिमाग से काम लेते है ,
दिल से सोचने की किसी को फुर्सत नही होती ।
इसीलिए किसी के दर्द का एहसास नहीं होता,
दर्द वोह क्या समझे जिसमें संवेदना नहीं होती ।
बुजुर्गों ने कहा आदर्श रिश्ते दिल से निभाए जाते है ,
दिमाग की घर पर कोई जरूरत नहीं होती ।
दिमाग लगाना है तो घर से बाहर लगाओ,
दिमाग वालों की नजर में रिश्तों की कद्र नहीं होती ।
निभा लो जीतेजी रिश्ते फिर कोई मलाल न रह जाए,
क्योंकि यह वोह दौलत है जो जीवन में दोबारा नहीं
मिलती ।