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2 Jun 2022 · 1 min read

हर खुशी

सिमट जाती है जिसमें
हर खुशी सारे ज़माने की ।
वो लम्हें क्यों गुज़र जाते हैं
ए शाद पल भर में ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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