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30 May 2022 · 1 min read

उड़ जाएगा एक दिन पंछी, धुआं धुआं हो जाएगा

उड़ जाएगा एक दिन पंछी, धुआं धुआं हो जाएगा
आखिर एक दिन छोड़ सभी,लोक दूसरे जाएगा
क्या तेरा क्या मेरा जग में,सब यहीं पड़ा रह जाएगा
झूठीं काया झूंठी माया,सद कर्म साथ में जाएगा
पल पल रीत रहा जीवन,कब खेल खत्म हो जाएगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
1 Like · 637 Views
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