मेरी हालत जैसी
हर ऐक सुबह शाम में तब्दील हो जाएगी
तेरी याद मेरे सीने में दफन रह जाएगी
जो तुम आज मेरी चाहत को कुछ नहीं समझते
खुद गुजरो गी मेरे हालात जैसे कभी तब समझ आएगी
शिव प्रताप लोधी
हर ऐक सुबह शाम में तब्दील हो जाएगी
तेरी याद मेरे सीने में दफन रह जाएगी
जो तुम आज मेरी चाहत को कुछ नहीं समझते
खुद गुजरो गी मेरे हालात जैसे कभी तब समझ आएगी
शिव प्रताप लोधी