Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2022 · 1 min read

जीवन जीने की कला, पहले मानव सीख

जीवन जीने की कला, पहले मानव सीख
नहीं चैन मिलता वहाँ, जहाँ युद्ध की चीख
जहाँ युध्द की चीख, वहाँ होता कोलाहल
मार काट के बीच, हुआ कब मुश्किल का हल
कहे ‘अर्चना’ बात, न पालो कोई उलझन
रखने से मन शांत, सफल होगा ये जीवन
2-06-2022
डॉअर्चना गुप्ता

3 Likes · 2 Comments · 366 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

हिंदी
हिंदी
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Relations
Relations
Chitra Bisht
जाति धर्म का रंग चढ़ा है ऐसा मेरे समाज पर
जाति धर्म का रंग चढ़ा है ऐसा मेरे समाज पर
raijyoti47.
सत्य और धर्म
सत्य और धर्म
Ritu Asooja
कविता क्या होती है...?
कविता क्या होती है...?
Rajdeep Singh Inda
नयनों में नहीं सनम,
नयनों में नहीं सनम,
Radha Bablu mishra
मानवता
मानवता
Ruchi Sharma
श्याम - सलोना
श्याम - सलोना
Dr.sima
4137.💐 *पूर्णिका* 💐
4137.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"मास्टर कौन?"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
त्रेता के श्रीराम कहां तुम...
त्रेता के श्रीराम कहां तुम...
मनोज कर्ण
*महिलाओं के रूप*
*महिलाओं के रूप*
Dushyant Kumar
रक्षा बंधन का पावन त्योहार जब आता है,
रक्षा बंधन का पावन त्योहार जब आता है,
Ajit Kumar "Karn"
तिरस्कार
तिरस्कार
rubichetanshukla 781
इश्क का कमाल है, दिल बेहाल है,
इश्क का कमाल है, दिल बेहाल है,
Rituraj shivem verma
■एक मात्रा का अंतर■
■एक मात्रा का अंतर■
*प्रणय प्रभात*
पवित्र भाव
पवित्र भाव
Rambali Mishra
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
हमें
हमें
sushil sarna
कलम मत बेच देना तुम
कलम मत बेच देना तुम
आकाश महेशपुरी
इतना बेबस हो गया हूं मैं
इतना बेबस हो गया हूं मैं
Keshav kishor Kumar
तन्हाई को जीते जीते
तन्हाई को जीते जीते
हिमांशु Kulshrestha
*धन्य-धन्य हे दयानंद, जग तुमने आर्य बनाया (गीत)*
*धन्य-धन्य हे दयानंद, जग तुमने आर्य बनाया (गीत)*
Ravi Prakash
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
शब्दों के चरण में बच्चा
शब्दों के चरण में बच्चा
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
मैं कोई ग़जल लिखूं तो तुम गुनगुनाओगे क्या
मैं कोई ग़जल लिखूं तो तुम गुनगुनाओगे क्या
Jyoti Roshni
कब तक बरसेंगी लाठियां
कब तक बरसेंगी लाठियां
Shekhar Chandra Mitra
मां का जन्मदिन
मां का जन्मदिन
Sudhir srivastava
Loading...