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20 May 2022 · 1 min read

*उसी की मेहरबानी से 【गीतिका 】*

उसी की मेहरबानी से 【गीतिका 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
मिला है वह जगत में व्याप्त बेहद ही आसानी से
हुनर हमको मिला है यह उसी की मेहरबानी से
(2)
बसा है याद में अब भी तुम्हारा एक वह आना
हुआ हो बूँद का जैसे मिलन सागर के पानी से
(3)
खुदा को याद करने का समय कब है बुढ़ापे का
तभी होगा सफर पूरा शुरू होगा जवानी से
(4)
भ्रष्टाचार लाखों का तो छोटे लोग करते हैं
चला है हेड – ऑफिस यह हमेशा राजधानी से
(5)
शुरू दादा किया करते चलाते पोते-पोती हैं
मुकदमा जान ले लेगा रहो बचकर दीवानी से
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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