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17 May 2022 · 1 min read

फिजूल।

कलियों को फूल बनते देखा है।
मासूमियत को शूल बनते देखा है।।

इतनी मोहब्बत अच्छी नहीं है।
मैने दिलो को फिजूल होते देखा है।।

✍✍ताज मोहम्मद✍✍

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