Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2022 · 1 min read

ख़ूब समझते हैं ghazal by Vinit Singh Shayar

आपका वादा हम ख़ूब समझते हैं
रब का इरादा हम ख़ूब समझते हैं

छोड़ देगा साथ वो भी मंजिल से पहले
जिसको हम अपना महबूब समझते हैं

जवाब उनको अब तो हम देने से रहें
वो हैं कि हम को मजबूर समझते हैं

साक़ी ने आज पूछा है उनसे उनका नाम
वो जो ख़ुदको बड़ा मशहूर समझते हैं

रखती हूँ फोन मुझको मम्मी बुला रही है
बहाना आपका ये हम ख़ूब समझते हैं

~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar

1 Like · 582 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कांटे बनकर जो
कांटे बनकर जो
Mahesh Tiwari 'Ayan'
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
खेलों का महत्व
खेलों का महत्व
विजय कुमार अग्रवाल
मौत
मौत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िंदादिल उमंग
ज़िंदादिल उमंग
Shyam Sundar Subramanian
प्रकृति प्रेम
प्रकृति प्रेम
Ratan Kirtaniya
नफरत क्या करूँ तुझसे, तू तो खुद नीलाम है।
नफरत क्या करूँ तुझसे, तू तो खुद नीलाम है।
श्याम सांवरा
बेटियाँ
बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
“ इस प्यार को क्या नाम दूँ ”
“ इस प्यार को क्या नाम दूँ ”
Dr Meenu Poonia
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
Keshav kishor Kumar
प्रेमामृतम
प्रेमामृतम
Rambali Mishra
श्री राम अर्चन महायज्ञ
श्री राम अर्चन महायज्ञ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शिकस्तहाल, परेशान, गमज़दा हूँ मैं,
शिकस्तहाल, परेशान, गमज़दा हूँ मैं,
Shweta Soni
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
रुपेश कुमार
सब कुछ हमे पता है, हमे नसियत ना दीजिए
सब कुछ हमे पता है, हमे नसियत ना दीजिए
पूर्वार्थ
जिन्दगी में वो लम्हा बेहतरीन होता है, जब तुम किसी से कुछ कहन
जिन्दगी में वो लम्हा बेहतरीन होता है, जब तुम किसी से कुछ कहन
पूर्वार्थ देव
इन्साफ की पुकार
इन्साफ की पुकार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
खुद पर यकीन
खुद पर यकीन
विक्रम सिंह
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं। एक सूखा खाकर
दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं। एक सूखा खाकर "सुखी" र
*प्रणय प्रभात*
क्या थी क्या हो गई मां
क्या थी क्या हो गई मां
संदीप कुमार कमल
दिल टूटा है।
दिल टूटा है।
Dr.sima
~ इंसाफ की दास्तां ~
~ इंसाफ की दास्तां ~
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya"
बेटी
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
Neeraj Mishra " नीर "
प्रेम मे सबसे  खूबसूरत  चीज होती है कोशिश...थोड़ी और कोशिश ह
प्रेम मे सबसे खूबसूरत चीज होती है कोशिश...थोड़ी और कोशिश ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अपनी दुनिया में रहना ,सीख लिया है हमने
अपनी दुनिया में रहना ,सीख लिया है हमने
Neelofar Khan
4222💐 *पूर्णिका* 💐
4222💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं तो बस कलम चलाता हूँ
मैं तो बस कलम चलाता हूँ
VINOD CHAUHAN
Loading...