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7 May 2022 · 1 min read

खिलौना

बहुत मुश्किल होता है
किसी को प्यार कर पाना और
किसी का प्यार पाना
आदमी बस अपने बारे में
सोचता है और
उसे अपना ही दिल बहलाने के लिए
चाहिए होता है
कोई न कोई खिलौना
एक से खेलता है
उसका थोड़ा सा मनोरंजन
होता है
वह टूट जाता है
दूसरा खिलौना ढूंढता है
उससे दिल लगाता है
अपना समय बिताता है
वह टूट जाता है तो
तीसरा फिर
इसी क्रम में चौथा, पांचवा
और
यह सिलसिला तब तक चलता
रहता है जब तक कि
वह खिलौना एक दिन
खुद से टूट जाता है
इस तरह से बिना प्यार किए
प्यार का पर दिखावा
करते करते
किसी भी इंसान का
जीवन बीत जाता है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 216 Views
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