Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
4 May 2022 · 1 min read

मां

मां एक शब्द नहीं
ये पूर्ण ब्रह्मा है
मां जीवनदीयनी
मां अंचल है , त्याग
राग ,साज, नदी की झंकार मां
गर्मी में पवन का ठंडा झोंका मां
सर्दी में कंबल की गर्माहट मां
बारिश में आंचल का बना देती छाता मां
हमारे दर्द मां आंसू हैं
हमारे जीवा का पहला शब्द है मां
घर की सबसे मजबूत स्तंभ मां
पिता की परछाई मां
खाने का पहला निवाल जो खिलाए वो मां
खुशियों की सौगात मां
पिता और बच्चो के बीच की कड़ी मां
मुख से निकला पहला शब्द मां
मां लक्ष्मी,सरस्वती, अनपूर्णा
घर के आंगन का खूब सूरत फूल मां।
मां के बिना इस सृष्टि की कल्पना ही नही
मां है तो ये धरा है,ये आसमान है मां

पूजा भारद्वाज संतोष

Loading...