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25 Apr 2022 · 2 min read

सुबह-सुबह वोट माँगने वाले (हास्य)

सुबह-सुबह वोट माँगने वाले (हास्य)
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कुछ भी कहो सबसे ज्यादा दुर्गति वोटर की होती है। बेचारा अपने घर पर सो रहा होता है और सुबह का उजाला हुआ नहीं कि वोट मांगने वाले आ टपकते हैं। दरवाजे की घंटी बजाई और जोरदार आवाज लगाई- भाई साहब उठकर बाहर आइए !
जितनी देर में बेचारा वोटर कुछ समझ पाता ,दो-तीन लोग और आगे बढ़ कर दरवाजे की घंटियाँ बजाना शुरू कर देते हैं। वोट माँगने का सबसे अच्छा तरीका यह होता है कि जब उम्मीदवार एक घर के दरवाजे पर हाथ जोड़कर वोट मांग रहा हो तो चमचे उसके आगे के दस घरों में जाकर घंटियाँ बजा-बजाकर हड़कंप मचा देंगे ताकि आगे के घरों में मतदाता घर के दरवाजे के बाहर हाथ जोड़कर खड़ा हो जाए और उम्मीदवार के आने की प्रतीक्षा सजग होकर करता रहे। इस प्रक्रिया में समय कम लगता है ।
जो चतुर चुनाव अभियान के संचालक होते हैं , वह ज्यादातर सुबह छह बजे मतदाता को जगाते हैं। उस समय सौ प्रतिशत रूप से मतदाता अपने घर के बिस्तर पर लेटा हुआ बल्कि कहिए कि सोया हुआ मिलता है। हमारा काम केवल उसको जगाना भर होता है। दरवाजा पीटो… घंटियाँ बजाओ… मतदाता जाग जाएगा ।
अब स्थिति यह होती है कि मतदाता बनियान पहने हुए होता है जो अनेक बार फटी हुई होती है ,अनेक छेद होते हैं ।पाजामा थोड़ा ऊँचा होता है,मुड़ा-तुड़ा होता है। चप्पल पहने होता है ।कई बार नहीं भी पहने होता है ।बाल स्वाभाविक है, बिखरे हुए होते हैं। दाढ़ी बढ़ी होती है ।चेहरा बासी-बासी होता है ।यह तो है नहीं कि बाहर नेता जी ने घंटी बजाई और मतदाता दरवाजा खोलने में इतनी देर लगाए कि पहले मुँह धोए और उसके बाद आए ।मतदाता को पता है कि नेता के मुकाबले में मेरी हैसियत केवल दस-बीस दिन के लिए ही ऊँची है। बाद में तो फिर नेता को मतदाता से कोई काम पड़ता नहीं है । बेचारे मतदाता को ही नेता के पास जाना पड़ता है।
इसलिए नेता सजे-धजे कुर्ते पजामे में होता है और मतदाता के चेहरे पर स्वभाविक है कि पानी का छींटा तक नहीं लगा होता है।
सबसे बड़ी मुसीबत यह आ गई कि अब सब के पास मोबाइल फोन में कैमरे हैं। इधर नेता ने मतदाता को प्रणाम किया, उधर मतदाता ने नेता को प्रणाम किया और धड़ाधड़ फोटो खींच लिए गए ।सोशल मीडिया पर ऐसे सौ-पचास फोटो रोजाना आते हैं जिसमें नेता की धुली हुई चमचमाती हुई कुर्ता-पजामा की तस्वीर है और मतदाता बनियान पहने हुए बेचारा शर्मा रहा है और नजरें झुका रहा है। इसी स्थिति को दर्शाता हुआ एक कुंडलिया देखिए:-
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नेता आया भोर में , यह चुनाव का दौर
वोटर से कहने लगा ,सुन बे ! सो मत और
सुन बे ! सो मत और, वोट हमको ही देना
चमचा बोला प्लीज , एक फोटो है लेना
कहते रवि कविराय , धड़ाधड़ फोटो लेता
वोटर की बनियान ,सजा दिखता है नेता

लेखक: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश //मोबाइल 99976 15451

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